वैद्य राम निहोर दाहिया जी के कुछ स्वस्थ संबंधित आयुर्वेदिक नुस्खे।
मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता होती है कि दाहिया समाज हर क्षेत्र में उत्तरोत्तर तरक्की कर रहा है। वैद्य राम निहोर दाहिया मैहर जिला अंतर्गत अमरपाटन तहसील के धौरहरा ग्राम के निवासी हैं। उनके नेत्र से संबंधित कुछ दोहे देखिए_
०_ मिट्टी के नव पात्र में,
त्रिफला देय मिलाय।
सुवह रोज उठ धोइए,
नेत्र रोग मिट जाय।।
०_ ढरका कीचर लालिया,
रौहें खुजली पीर।
रोग रतौधी दूर हो,
धोए त्रिफला नीर।।
०__ और रोग उपजय नहीं,
अरु उपजा मिट जात।
जो त्रिफला के नीर से,
नयन धोय उठ प्रात।।
०_ काली मिर्च महीन कर ,
प्रति दिन खाबे जोय।
नेत्र रोग सब नष्ट हों,
दृष्टि गिद्ध सम होय।।
०_ फेर नहाएं सिर मगर ,
पहले लीजे धोय।
बाद धोइए सब बदन,
नेत्र रोग नहि होय।।
०_ सूर्य सिनेमा बीड़ी बिजली,
सूखा भोजन चश्मा नकली।
सुर्योदय तक जाग न पाबय,
नेत्र दृष्टि कमजोर बनाबय।।
०_ तेल मिर्च अरु खाय खटाई,
अधिक रात्रि तक करय जगाई।
प्रात जगे कीचर नहि धोवै।
नेत्र दृष्टि ताकी काम होवै।।
०_ प्रथम नही सिर धोय नहाबय,
नेत्रन माहि ललामी छावय।
लघुशंका जो रोंके भाई,
ढरका केर बीमारी आई।।

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