“दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” — समाज चेतना की यात्रा से मातृशक्ति सम्मान तक

  “जिस समाज का अपना इतिहास नहीं होता, उसका वर्तमान कमजोर और भविष्य अंधकारमय हो जाता है।

इतिहास किसी समाज की आत्मा होता है — और आत्मा के बिना कोई अस्तित्व नहीं टिकता।”

“A society without its own history loses the strength of its present and the light of its future.”

बहुत सुंदर और सार्थक पहल सोनू दहायत जी  कि आप सभी लोगों के सामने इस ब्लॉग में अपके सामने लाया हूं जिसमे इनका  उद्देश्य — “दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” के तीनों संस्करणों को जोड़कर समाज में जागरूकता फैलाना — वाकई प्रेरणादायक है।

🌺 “दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” — समाज चेतना की यात्रा से मातृशक्ति सम्मान तक

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नमस्कार साथियो,
आज मैं आप सभी के साथ एक ऐसी सामाजिक यात्रा साझा करना चाहता हूँ जो केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि हमारे समाज की आत्मा की अभिव्यक्ति है —
“दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक”




इस पुस्तक श्रृंखला का उद्देश्य सदैव स्पष्ट रहा है —
👉 समाज के उन प्रेरणादायक व्यक्तित्वों, मातृशक्ति, युवाओं और रक्षक वीर सपूतों को एक साथ लाना जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में सामाजिक, शैक्षणिक, प्रशासनिक या रचनात्मक योगदान दिया है।

📖 पहला संस्करण (प्रथम संस्करण 2025): चेतना की नींव

पहला संस्करण “दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक – प्रथम संस्करण 2025” समाज के जागरण की पहली किरण था।
इसमें लेखक सोनू दहायत (सतना) ने गाँव-गाँव से समाज के रक्षक, शिक्षाविद, और प्रेरक व्यक्तित्वों की जीवन यात्राएँ संकलित कीं।
इस पुस्तक ने दिखाया कि अगर व्यक्ति अपनी जड़ों से जुड़कर समाज के लिए सोचता है, तो एक साधारण जीवन भी आदर्श बन सकता है।

🌼 दूसरा संस्करण (मातृशक्ति चेतना बुक – 2025)

इसके बाद आया दूसरा अध्याय —
“दाहिया दहायत (मातृशक्ति) चेतना सृजन बुक – द्वितीय संस्करण 2025”

यह संस्करण हमारी महिलाओं और मातृशक्ति को समर्पित रहा।
इसमें समाज की प्रेरक महिलाएँ — शिक्षिका, सामाजिक कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कर्मी, जनप्रतिनिधि — और वे सभी जिन्होंने अपनी मेहनत व समर्पण से समाज में बदलाव लाया — उनका परिचय, विचार और योगदान दर्ज किया गया।

इस पुस्तक की अनुक्रमणिका ही अपने आप में समाज के विकास की कहानी कहती है —
मातृशक्ति की भूमिका, शिक्षा, स्वावलंबन, डिजिटल साक्षरता, महिला उद्यमिता और सामाजिक नेतृत्व जैसे विषय इस संस्करण की आत्मा हैं।

🛡️ तीसरा संस्करण (सामाजिक रक्षक सैन्यबल – तृतीय संस्करण 2025)

“इतिहास से कटे समाज की जड़ें सूख जाती हैं — और जड़ों के बिना कोई वृक्ष नहीं टिकता।”

अब जल्द ही आ रहा है तीसरा संस्करण —
“दाहिया दहायत (सामाजिक रक्षक सैन्यबल) चेतना सृजन बुक – तृतीय संस्करण 2025”

इस सामाजिक बुक का उद्देश्य है —

“वे वीर सपूत जो देश, प्रदेश और समाज की रक्षा के लिए सैन्यबल, पुलिस या सुरक्षा सेवाओं में कार्यरत रहे हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उनके जीवन परिचय, फोटो और प्रेरणादायक उपलब्धियों को समाज तक पहुँचाना।”

यह संस्करण केवल नामों का संग्रह नहीं होगा, बल्कि एक सामूहिक श्रद्धांजलि होगी —
उन लोगों के प्रति जिन्होंने अपनी ज़िंदगी को राष्ट्र और समाज की सेवा में समर्पित किया।

💬 समाज के लिए एक प्रेरक पहल

इन तीनों पुस्तकों का मूल संदेश यही है —

“चेतना कभी खत्म नहीं होती, वह पीढ़ियों को जोड़ती है।”

 सोनू दहायत (सतना)  जी के नेतृत्व में चल रही यह “चेतना सृजन यात्रा” अब एक सामाजिक आंदोलन बन चुकी है —
जहाँ हर संस्करण नए विचार, नई ऊर्जा और नई प्रेरणा लेकर आता है।

🌿 आप कैसे जुड़ सकते हैं

  • यदि आप किसी शिक्षक, सैनिक, समाजसेवी, मातृशक्ति या युवा प्रेरणा को जानते हैं — तो उनका संक्षिप्त परिचय व फोटो साझा करें।
  • इस बुक में नाम जुड़वाकर न केवल व्यक्ति को सम्मान मिलेगा, बल्कि पूरे समाज की गौरवशाली परंपरा को पहचान मिलेगी।
  • आप भी इस चेतना अभियान का हिस्सा बन सकते हैं — “लेखन, सुझाव और प्रचार” के माध्यम से।

निष्कर्ष

“इतिहास को सहेजना केवल अतीत को याद रखना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी पहचान बचाना है। हमारा इतिहास हमारी चेतना है — और चेतना से ही समाज जीवित रहता है।”

समाज केवल वर्तमान से नहीं, बल्कि अपने इतिहास और चेतना से बनता है।

“जिस समाज का कोई इतिहास नहीं, उस समाज का कोई वजूद नहीं।”

इसी विचार को जीवंत रूप देने के लिए “दहिया दहावत चेतना सृजन पुस्तक श्रृंखला” तैयार की गई है।

इस श्रृंखला के माध्यम से समाज के उन वीर सपूतों, शिक्षकों, रचनाकारों और प्रेरक व्यक्तित्वों को एकजुट किया जा रहा है

जिन्होंने शिक्षा, सेवा और समाज सुधार में योगदान दिया है।

प्रथम और द्वितीय संस्करण को समाज से अभूतपूर्व प्रेम और सहयोग मिला।

अब तृतीय संस्करण (2025) शीघ्र प्रकाशित होने जा रहा है,

जो पहले दोनों भागों से भी अधिक प्रभावशाली और प्रेरणादायक होगा।

यह केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि “समाज की आत्मकथा” है —

जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का संदेश देती है।

– दाहिया दहावत परिवार की ओर से सामाजिक चेतना को नमन 🙏

“दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” सिर्फ़ एक पुस्तक नहीं —

यह हमारे समाज की जीवित कहानी, हमारे मूल्यों की परंपरा और आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा है।
आज जरूरत है कि हम सब मिलकर इस चेतना को आगे बढ़ाएँ, ताकि हमारा समाज शिक्षित, संगठित और आत्मनिर्भर बने।

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