अब खुद ही गिर जाओ,जमीं पर..Ab khud hi gir jao jamin par...

✍️🤔 *अब खुद ही गिर जाओ जमीं पर... 

*पत्थर मारने वाला बचपन, मोबाइल मे व्यस्त है।।*
*अच्छी थी, पगडंडी अपनी।*
*सड़कों पर तो, जाम बहुत है।।* 🙂

*फुर्र हो गई फुर्सत, अब तो।*
*सबके पास, काम बहुत है।।* 🌹

*नहीं जरूरत, बूढ़ों की  अब।*
*हर बच्चा, बुद्धिमान बहुत है।।* 🌸

*उजड़ गए, सब बाग बगीचे।*
*दो गमलों में, शान बहुत है।।* 🌻

*मट्ठा, दही, नहीं खाते हैं।*
*कहते हैं, ज़ुकाम बहुत है।।*🌹

*पीते हैं, जब चाय, तब कहीं।*
*कहते हैं, आराम बहुत है।।*🌸

*बंद हो गई, चिट्ठी, पत्री।*
*व्हाट्सएप पर, पैगाम बहुत है।।*🌻

*आदी हैं, ए.सी. के इतने।*
*कहते बाहर, घाम बहुत है।।*🌹

*झुके-झुके, स्कूली बच्चे।*
*बस्तों में, सामान बहुत है।।*🌸

*नही बचे, कोई सम्बन्धी।*
*अकड़,ऐंठ,अहसान बहुत है।!*🌻

*सुविधाओं का, ढेर लगा है।*
*पर इंसान, परेशान बहुत है।।*♥️🤔

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