फादर्स डे ( पिताजी दिवस ) पर विशेष...

प्रिय पिताजी...🙏 लोग अक्सर पिता जी को अक्सर गलत ठहराते हैं, कि वो ग़ुस्से वाले स्वभाव के है, अकड़ू है, लेकिन वो हमेशा बच्चों के प्रगति व मार्गदर्शन का प्रमुख रास्ता होते हैं। वो हमेशा बच्चों के अच्छे परिवरिश में अपना रहन-सहन भूल जाते हैं। और बच्चों के उत्कृष्ट भविष्य के लिए हमेशा रात्रि के समय एकांत में सोचते रहते है। वैसे भी हमारा बचपन गांव के देहात में गरीबी में बीता , कुछ पल जो आज भी याद है और हमेशा याद रहेंगे। हमारे पास नए कपड़े नही होते थे, ठंडी में मेरे गांव के समीप मेला लगता था तो पिता जी नए कपड़े लाने के लिए दो या चार रात दिन मेंले में गन्ना खरीदकर बेंचा करते हैं। और प्राथमिक स्कूल गांव में ही थी लेकिन 6th की पढ़ाई के लिए ग्राम मौहट पैदल ही नदी पार कर जाना होता था। क्योंकि साइकिल नही थी , वो क्या बोलते थे कि जो पैदल स्कूल जाता है उसे ज्यादा भूंख लगती है और हमेशा स्वास्थ्य रहता है। और 9th और 10 th की पढ़ाई के लिए तो ग्राम करही में 8 किलोमीटर पैदल जाना होता था तो हम और हमारे कुछ गरीब घर के साथी सीधा तो रास्ता था नही तो हम लोग खेतों से सीधा रास्ता देखकर स्कू...