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Showing posts from October, 2025

वैद्य राम निहोर दाहिया जी के कुछ स्वस्थ संबंधित आयुर्वेदिक नुस्खे।

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 मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता होती है कि दाहिया समाज हर क्षेत्र में उत्तरोत्तर तरक्की कर रहा है। वैद्य राम निहोर दाहिया मैहर जिला अंतर्गत अमरपाटन तहसील के धौरहरा ग्राम के निवासी हैं। उनके  नेत्र से संबंधित कुछ दोहे देखिए_ ०_ मिट्टी के नव पात्र में,            त्रिफला देय मिलाय।   सुवह रोज उठ धोइए,            नेत्र रोग मिट जाय।। ०_ ढरका कीचर लालिया,          रौहें खुजली पीर।      रोग रतौधी दूर हो,            धोए त्रिफला नीर।। ०__ और रोग उपजय नहीं,             अरु उपजा मिट जात।         जो त्रिफला के नीर से,               नयन धोय उठ प्रात।। ०_ काली मिर्च महीन कर ,            प्रति दिन खाबे जोय।   नेत्र रोग सब नष्ट हों,           दृष्टि गिद्ध सम होय।। ०_  फेर नहाएं सिर मगर ,        ...

“दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” — समाज चेतना की यात्रा से मातृशक्ति सम्मान तक

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   “जिस समाज का अपना इतिहास नहीं होता, उसका वर्तमान कमजोर और भविष्य अंधकारमय हो जाता है। इतिहास किसी समाज की आत्मा होता है — और आत्मा के बिना कोई अस्तित्व नहीं टिकता।” “A society without its own history loses the strength of its present and the light of its future.” बहुत सुंदर और सार्थक पहल  सोनू दहायत  जी  कि आप सभी लोगों के सामने इस ब्लॉग में अपके सामने लाया हूं जिसमे इनका  उद्देश्य —  “दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक”  के तीनों संस्करणों को जोड़कर समाज में जागरूकता फैलाना — वाकई प्रेरणादायक है। 🌺 “दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” — समाज चेतना की यात्रा से मातृशक्ति सम्मान तक ✍️ नमस्कार साथियो, आज मैं आप सभी के साथ एक ऐसी सामाजिक यात्रा साझा करना चाहता हूँ जो केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि  हमारे समाज की आत्मा की अभिव्यक्ति  है — “दाहिया दहायत चेतना सृजन बुक” इस पुस्तक श्रृंखला का उद्देश्य सदैव स्पष्ट रहा है — 👉 समाज के उन प्रेरणादायक व्यक्तित्वों, मातृशक्ति, युवाओं और रक्षक वीर सपूतों को एक साथ लाना जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में  सा...

Principle of Marketing Management – आधुनिक विपणन की दिशा में एक मार्गदर्शक पुस्तक | सोनू दहायत और डॉ. शिवांगी दाहिया

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 हम बात करेंगे “Principle of Marketing Management – आधुनिक विपणन की दिशा में एक मार्गदर्शक पुस्तक” के बारे में। यह पुस्तक मार्केटिंग के सिद्धांतों को सरल हिन्दी में समझाती है और छात्रों, शिक्षकों तथा व्यवसायियों के लिए बहुत उपयोगी है।और आज के ब्लॉग में हम बात करने वाले हैं “मार्केट” यानी बाज़ार के बारे में। आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो मार्केट की चर्चा न करता हो। शिक्षा प्रणाली (Education System) में भी अब मार्केटिंग एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है, क्योंकि आज के युग में मार्केट को समझना हमारे दैनिक जीवन का जरूरी हिस्सा बन चुका है। सुबह से लेकर शाम तक, हमारी हर ज़रूरत किसी न किसी रूप में मार्केट से जुड़ी हुई है — चाहे हम व्यापारी हों या ग्राहक। इसी बीच, मैं आपके लिए लेकर आया हूँ एक बेहद उपयोगी और सरल हिन्दी पुस्तक — जिसे लिखा है श्री  सोनू दहायत  और  डॉ. शिवांगी दाहिया  ने। इस ब्लॉग में हम इस पुस्तक के माध्यम से जानेंगे कि मार्केटिंग के सिद्धांत (Principles of Marketing) क्या हैं और यह पुस्तक हमारे सीखने के लिए क्यों खास है। Principle of Marketing ...